उसका भी मन नहीं लगा और दो दिन पहले वापिस आ गयी। उसका भी मन नहीं लगा और दो दिन पहले वापिस आ गयी।
तुम मौन भाव से बजने वाली वीणा हो , जो मधुरतम संगीत बजाती है , जब -जब भी हम घायल होते तुम मौन भाव से बजने वाली वीणा हो , जो मधुरतम संगीत बजाती है , जब -जब भी हम...
जाना चाहे जब वो घर तो ससुराल को ही सिर्फ घर बताता है। जाना चाहे जब वो घर तो ससुराल को ही सिर्फ घर बताता है।
मैं आपकी प्यारी सुन्दर रंगोली और अल्पना घर घर में कहलाती। मैं आपकी प्यारी सुन्दर रंगोली और अल्पना घर घर में कहलाती।
जिस घर मे हो नारी सम्मानित, हर कार्य पूर्ण होता उसका। जिस घर मे हो नारी सम्मानित, हर कार्य पूर्ण होता उसका।
हर नयी मुस्कान का मोती पिरोता है ये घर भी कुछ कहता है।। हर नयी मुस्कान का मोती पिरोता है ये घर भी कुछ कहता है।।